प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित व सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से बीबीएन में बनेंगे छोटे जंगल

प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित व सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से बीबीएन में बनेंगे छोटे जंगल

नालागढ़ (सोलन)
महानगरों और बड़े शहरों की तर्ज पर हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में भी छोटे जंगल बनेंगे। ये जहां प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करेंगे, वहीं क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को भी चार चांद लगाएंगे। इस योजना का उद्देश्य बीबीएन में विभिन्न जगहों पर लघु वन लगाकर वायु व जल प्रदूषण में संतुलन लाना है।

लघु वन योजना के तहत कम से कम एक बीघा से लेकर 13 बीघा भूमि होनी चाहिए। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें स्थानीय प्रजाति के पौधे जैसे कचनार, आंवला, नीम, खैर, बियुल, आम, हरड़, बहेड़ा आदि के पौधे रोपे जाएंगे, जिसमें चारा आधारित प्रजाति के पौधे भी उपयोगी साबित होंगे। वन विभाग ने  बीबीएन में लघु वन योजना को अमलीजामा पहनाना आरंभ कर दिया है।
कसंबोवाल में बीबीएन का पहला लघु वन तैयार हो रहा है। इस योजना में वन विभाग द्वारा 15 विभिन्न देसी प्रजातियों के पौधे रोपे जा रहे हैं और लाभार्थियों को यह पौधे वन विभाग द्वारा निशुल्क मुहैया करवाए जा रहे हैं। प्रदेश को वर्ष 2003 में मिले औद्योगिक पैकेज के बाद फार्मा हब बीबीएन में उद्योगों की स्थापना हुई है और इस क्षेत्र में करीब 2800 छोटे बड़े उद्योग स्थापित हैं। क्षेत्र में वनों की कम संख्या और चारों ओर उद्योग होने के कारण विभाग द्वारा लघु वन योजना की शुरूआत की गई है। विभाग के मुताबिक नगर परिषदों, पंचायतों, उद्योग परिसरों में यह लघु वन स्थापित किए जाएंगे।
कसंबोवाल से योजना का शुभारंभ
वनमंडलाधिकारी यशुदीप सिंह ने कहा कि इसका शुभारंभ कसंबोवाल से हो गया है। उन्होंने कहा कि बीबीएन क्षेत्र का पहला लघु वन कसंबोवाल में बना है। योजना की खास बात यह है कि इसमें स्थानीय प्रजाति के पौधे रोपे जाएंगे और लाभार्थी को यह पौधे वन विभाग की ओर से निशुल्क प्रदान किए जाएंगे।

 

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